जन्मदिन
जन्मदिन
आज उम्र का एक दिन बढ़ गया,
मनाओ जश्न, अनुभव बढ़ गया।
ख़ुशी में भूल सकते हो
दुःख ने जो पाठ पढ़ाए,
ज़िंदगी का इंसाफ़ सटीक होता है
दुष्कर्मी यहीं भुगतता है।
टिक न पाया कोई अहंकारी,
अहम ने ना जाने कितनी लंका उजाड़ी।
उमर बढ़ने का अफ़सोस ना मनाओ,
'आज' जीयो और अनुभव से ‘कल’ की फसल उगाओ।