जल -जीवन
जल -जीवन
जल ही जीवन है
इसकी बूंद बूद बचाओ।
प्यासी धरा को
मत जलने दो
बूंद- बूंद बचाओ।
जल ही जीवन है
इसकी बूंद-बूंद बचाओ।
लग रही ,
जंगलों को आग
मानव तुम ,
क्यों बनते जाते अभिशाप।
जल ही जीवन है
इस की बूंद बूंद बचाओ।
निरीह प्राणियों को,
मत निशाना बनाओ।
मत काटो पेड़ों को,
धरा को मत बंजर बनाओ ।
जल ही जीवन है ।
इस की बूंद -बूंद बचाओ