ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
खौफ ना हो दिल में तो कुछ खोने का डर नहीं देती है
अल्फाज़ ना हो ज़ुबां पर तो बातों को बदल देती है,
सब्र न हो ख़ुद में तो सुकून भी छीन लेती है
ज़िन्दगी सब कुछ दे कर भी सब नहीं देती है,
वो वक़्त भी गुज़र जाएगा जो अच्छा लगा करती है
नफ़रत का क्या है दुश्मन हज़ार बना देती है,
कुसूर नहीं है किसी का मंजिल आसान नहीं होती है
ज़िन्दगी सब कुछ दे कर भी सब नहीं देती है,
भरोसा है जिस पर वो ही धोखा दिया करती है
हक़ीक़त यही है कि सब उसी से ही मुकरती है
रहमत उसी पर होती है जिनकी नियत साफ़ होती है
ज़िन्दगी सब कुछ दे कर भी सब नहीं देती है।