ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
ज़िन्दगी यूं तो हसीन है


ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
बस कुछ पलों की कमी है …
माथे पे सुबह होते ही तुम्हारे प्यार का नजराना
कांधे पे मेरे तुम्हारी सांसों का तराना
बिस्तर पे मेेरे सिलवटों का अफसाना ..
क्यूं खामोश है ये अब ना जाना..
ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
बस कुछ पलों की कमी है …
चाय पे मीठी तकरार का बहाना
में रूठूं और तुम्हारा प्यार से मनाना...
भूल जाऊं जब मैं तौलिया अक्सर
तुम्हारा शरारत से मुझे वो थमाना ...
ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
बस कुछ पलों की कमी है …
खाने में नमक कम होने पर त
ुम्हारा झिलाना
मेरे आसुओं पर तुम्हारा फिर पिघल जाना
गोद में तुम्हारे सर को टिकाना ...
बिखरे बालों को मेरे सुलझाना
चेहरे को मेरे यूं हाथों पे सजाना
ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
बस कुछ पलों की कमी है …
शृंगार करूं जब मैं तुम्हारी नज़रों का इशारा .
शर्म से मेरा आंचल में छिप जाना
मेरी पायलों का वो खंखनाना..
मेरी बिंदिया का फैल जाना ..
काजल का अपनी हद्द से बहेक़ जाना
मेेरे रोम रोम का ज़िन्दा हूं मैं ...
ये एहसास दिलाना
ज़िन्दगी यूं तो हसीन है
बस कुछ पलों की कमी है !