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Satish Chandra Pandey

Romance

3  

Satish Chandra Pandey

Romance

जिन्दगी के पल

जिन्दगी के पल

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तीस किमी दूरी तय करने में

पांच बार बाइक रोकता हूँ,

मोबाइल खोलकर

व्हाट्सएप पर

उसका मैसेज खोजता हूँ।

फिर आगे बढ़ता हूँ,

फिर टुन की आवाज होती है

बेचैनी बढ़ती है,

मेरी बाइक रुकती है,

फिर व्हाट्सप खोजता हूँ,

उफ्फ अब भी मैसेज नहीं,

फिर चलता हूँ,

ऐसे ही बीत जाते हैं 

जिन्दगी के पल

जमाना इसे मेरी

मोहब्बत कहता है।


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