जिंदगी के बहाने
जिंदगी के बहाने
जिंदगी जीने के होते हज़ार बहाने है
रोता वहीं यहां जिसे नहीं आते गाने है
सुख की तलाश में तो सब लो जीते है
पर दुःख बिन न कटते रास्ते अनजाने है
जिंदगी हम लोग पाते वही अफसाने है
जैसी हमारे सोच के होते साखी दाने है
जिंदगी जीने के होते हज़ार बहाने है
दर्द सहकर ही बनता कोई परवाने है
यूँ ही न खिल जाता गुलिस्तां में फूल,
फूल होने को सहने पड़ते हज़ारों ताने है
जो ख्वाबों के साथ मेहनत करना जाने है
वही लिखते साखी इतिहास के पाने है
जिंदगी जीने के होते हज़ार बहाने है
पर आलसी खाते भीख मांगकर खाने है
कर्मशील ही गाता सफलता के गाने है
उसके हर महफ़िल में सजते तराने है
जिसे जिंदगी जीने के आते बहाने है
वही तम चीरकर बनता दीप सयाने है
