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syed azhar sajjad

Abstract

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syed azhar sajjad

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ज़िन्दगी भर जो इंतज़ार किया

ज़िन्दगी भर जो इंतज़ार किया

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ज़िन्दगी भर जो इंतज़ार किया,

मैंने जी भर के तुझे प्यार किया।


ख्वाब मुझको जो कभी आता था,

तूने उसको भी तार-तार किया।


जिससे हमको नहीं गुजरना था,

हमने उसको ही बार-बार किया।

 

अब मुझे मौत भी नहीं आती,

तूने जीना भी है दुश्वार किया।


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