miyan Azhar tumhe to shayari aati nahi thi na, kahan se phir batao tum bane ustad phirte ho.
खूबियां तुममें है तभी तो हम, जान सबको कहा नहीं करते। खूबियां तुममें है तभी तो हम, जान सबको कहा नहीं करते।
चार मिस्रों में मुकम्म्मल हो गई है ये ग़ज़ल, चार मिस्रों ही में मक़ता हो गया है क्या करें। चार मिस्रों में मुकम्म्मल हो गई है ये ग़ज़ल, चार मिस्रों ही में मक़ता हो गया ...
क्या यूंही कोई बिछड़ता है कहीं अपनों से, लुट गया इश्क का सामान ख़ुदा खैर करे। क्या यूंही कोई बिछड़ता है कहीं अपनों से, लुट गया इश्क का सामान ख़ुदा खैर करे।
अब मुझे मौत भी नहीं आती, तूने जीना भी है दुश्वार किया। अब मुझे मौत भी नहीं आती, तूने जीना भी है दुश्वार किया।