जीवन की हर श्वास
जीवन की हर श्वास
खुशबू का एहसास लिए मैं सदा महकता जाऊँ
मेरे आने से पहले ही मैं आने की खबर पहुंचाऊं
भँवर में फंसे हुओं को अपना हाथ थमाता जाऊँ
चाँद सूरज की तरह चमककर अंधेरे को मिटाऊं
पानी की बूंदों का संगठन बनकर बरसता जाऊँ
तपत मिटाकर तन मन की मैं शीतलता फैलाऊं
कल्पना से परे जाकर ऐसी रचना रच दिखलाऊँ
असम्भव को सम्भव करने की प्रेरणा देता जाऊँ
आत्म उन्नति हो जिसमें वो कर्म मैं करता जाऊँ
जीवन की हर श्वास को विश्व कल्याण में लगाऊं