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Debashis Roy

Abstract

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Debashis Roy

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जीवन के रंग

जीवन के रंग

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यही तो है जीवन ...

ये जो मिट्टी है, उसी में तो है जीवन

ये जो जल है , उसी में तो है जीवन

ये जो आग है , उसी में तो है जीवन

वह जो हवा बह रही है ...

वह जो नीला आसमान दिख रहा है ,

हर जगह पर है जिंदगी।


कहाँ कहा ढूंढते फिरेंगे

जिंदगी की तलाश में क्या क्या करते फिरेंगे

उसे अपनाने के लिए!

कहाँ ढूंढ रहे हो अपने भाग्य विधाता को

अपने मन में झांको मिल जाएगा वह! 

मन से मन मिलाओ और हो जाओ मानविक

दिल से दिल लगाओ और हो जाओ दिलबर।


कब तक भागते रहेंगे काल्पनिक सुख के पीछे...

कब तक करते रहेंगे शांति के लिए हवन ,

बहुत हुआ अब, बस भी करो ये चटकदार पूजन

सबकुछ है अपने पास एकबार झांक कर तो देखो

सबकुछ है अपने पास एकबार बांटकर तो देखो,

सारे दुःख को अपना कर, एकबार मुस्कुराकर तो देखो।


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