यूं ही नहीं डगमगा रहे हैं कदम हमारे, कुछ तो खतायें तुमसे भी हुई होगी। यूं ही नहीं डगमगा रहे हैं कदम हमारे, कुछ तो खतायें तुमसे भी हुई होगी।
जाते जाते कह रही जवानी "मैं तो वैसे भी चली जाऊंगी पर बचपन को कैसे निकालोगे?" जाते जाते कह रही जवानी "मैं तो वैसे भी चली जाऊंगी पर बचपन को कैसे निकालोग...
कब तक करते रहेंगे शांति के लिए हवन , कब तक करते रहेंगे शांति के लिए हवन ,