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Kamal Purohit

Inspirational

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Kamal Purohit

Inspirational

जीने की कला

जीने की कला

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बातों का कौशल बतलाता, कैसा ढंग हमारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


लाखों दिल पर राज करे वो, नर्म रहे जिसकी वाणी।

गर्मी में शीतलता देता, जैसे नदिया का पानी।

सागर भी पानी रखता पर, पानी उसका खारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


घनघोर उदासी इस मन पर, कभी कभी छा जाती है।

बढ़े प्यास तब अपने पन की, नहीं मगर बुझ पाती है।

उस पल में लगता है ऐसा, कोई नहीं हमारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


झगड़े लफड़े इस धरती से, पल भर में ही मिट जाए।

हँस के सबसे मिलने की जो, कला सभी को आ जाए।

सुखी वही है हँस के जिसने, जीवन यहाँ गुजारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


दुनिया वाले भोले जन को,पल पल बड़ा सताते है।

भोलों के भोलेपन का सब,मिलकर लाभ उठाते है।

ज्यादा भोलेपन से होना, बस नुकसान हमारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


शिष्टाचार निभाने वाला, सभ्य मनुज कहलाता है।

नैतिकता का पाठ पढ़ा कर, जग शिक्षित कर जाता है।

जीवन को जीने की उसमें, कितनी विचारधारा है।

जिसने मन जीता लोगों का, वो ही सबको प्यारा है।


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