जब मुझे पहली बार
जब मुझे पहली बार
जब मुझे पहली बार
मज़ा आया,
मज़ा आया सिर्फ तुम्हारे साथ।
मैं पागलों की तरह तब
हँसने लगी,
हँसने लगी सिर्फ तुम्हारे साथ।
मज़ा ऐसा होता है ?
पता ना था,
पता ना था इतना सब होने के बाद।
और फिर अगले ही पल
मैं घबरा गई,
मैं घबरा गई अपना ये नया रिश्ता सोच।
वो गलत था सब मज़ा
एक फरेब,
एक फरेब किया मैने उनके साथ।
जब मुझे पहली बार
ग्लानि हुई,
ग्लानि हुई सिर्फ तुम्हारे साथ।
तुमने देखा था तब मेरी नम आँखों में,
एक पाप,
एक पाप जो किया था मैंने तुम्हारे साथ।
मैं चली गई तुम्हे छोड़
एक अनन्तहीन,
एक अनन्तहीन दिशा की खोज में।
तब मुझे पहली बार
मज़ा आया,
मज़ा आया सिर्फ अपने साथ
