STORYMIRROR

Triveni Mishra

Inspirational

4  

Triveni Mishra

Inspirational

जागरूक बन स्वस्थ रखें

जागरूक बन स्वस्थ रखें

1 min
236

जागरूक बन

स्वस्थ रखें तन

जीत जायेंगे हम

हारेगी बीमारी

बने उस पर भारी

मुश्किल की घड़ी

द्वार आकर खड़ी

हौसले से नही बड़ी।


रहे मन में विश्वास

फैलेगा जग में प्रकाश

दुख है कौन सा ऐसा?

रहा यहाँ हमेशा

नहीं छोड़ेगें आशा

जायेगी निराशा।

घेरा है अँधकार

बीमारी है मक़्कार

कब तक पीछा करेगी?

आयेगा वक़्त ऐसा

अकेले ही मरेगी

रखना सावधानी

कैसे करेगी बेईमानी?

दिखाना बुद्धिमानी

होगी वह पानी-पानी

नहीं होगी हमारी हानि।


दुनिया वैसे ही चलेगी

युगों से चलते आई है

बीमारियाँ पीछे छोड़ आई है।

वर्तमान सुधारें

भविष्य की न विचारें

द्वार की लक्ष्मण रेखा,

पार न होंने पाये

घर पर रहना सीखें

बचें और बचाना सीखें

धैर्य रख सफल होना है

महामारी को हराना है।


जीत जायेंगे हम

गीत गायेंगे हम

नहीं होगें हताश

बनाये रखेंगे आस।


छाया है सन्नाटा

इन राहों में तो क्या?

मचेगा एक दिन

सूनी गलियों में,

ध्वनियों का शोर

नही चलेगा कुछ भी

महामारी का जोर

रखेंगे नेक भावना,

मिलकर है भगाना

बिमारी को हराना।


रफ़्तार जग की

कुछ दिन धीरे चलेगी

फिर वैसे भागेगी

संशय ना आने पाये

जय का बिगुल बज जाये

रखकर यह भाव सदा

इसे जगत से करें विदा

मानवता को बचाना है

महामारी को हराना है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational