जाग तुझको दूर जाना हैं
जाग तुझको दूर जाना हैं
जाग तुझको दूर जाना हैं
बंद किस्मत जगाना हैं
विश्वास को अडिंग रखना है
जंजीर तुझको तोड़ना है।
जाग तुझको दूर जाना हैं
हर नौका पार लगाना है
लहरों से टकराना है
सागर को पार लगाना है
जाग तुझको दुर जाना हैं
कमजोरी को ताकत बनाना है
राह को फूल से सजाना हैं
विजय भारत का पताका फहराना है।
जाग तुझको दुर जाना हैं
देश का ऋण चुकाना है
माँ का सेवा करना है
माँ के खातिर कुर्बानी देनी है।
