STORYMIRROR

SNEHA NALAWADE

Abstract

3  

SNEHA NALAWADE

Abstract

हरियाली

हरियाली

1 min
250

आज का वक्त ऐसा है जहा पर आज भी

लोग इतने मतलबी है सिर्फ खुद का मतलब होता है


हर कार्य करने के पीछे की हम भूल जाता है

बहुत सी चिजे की हमारा सिर्फ अपने उपर काम


तब सीमित नहीं होता पर उसके अलावा हमारा

संसार की तरफ भी जिम्मेदारी है हम हमेशा


ये सोचना चाहिए कि कैसे हम हमारे इस संसार को

और अच्छी तरह से फूला सकते हैं


जिसते चलते चारो ओर हरियाली ही हरियाली होगी

इसके लिए हमे अधिक तर पेड पौधे लगाने होगे


जिसकी वजह से आगे भविष्य में उसका हमें ही

फायदा होगा और चारो ओर हरियाली ही हरियाली रहेगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract