हृदय अवलोकन...
हृदय अवलोकन...
झाँक रहे है इधर उधर सब।
अपने अंदर झांकें कौन ?
ढूंढ रहे दुनिया में कमियां।
अपने मन में ताके कौन ?
दुनिया सुधरे सब चिल्लाते।
खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे।
खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा।
यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"