हर निर्भया की कहानी
हर निर्भया की कहानी
हमने भी तो सपने
देखे थे इंसानों की तरह
पर क्यूँ आज हमें दुनिया
देखती है अनजानो की तरह |
अनजान तो वो थे जो लूट गये
मेरी अस्मत हैवानो की तरह
पर यहाँ की रीत देखो
हम हो गये बेगानो की तरह |
हमने भी तो सपने
देखे थे इंसानों की तरह
पर क्यूँ आज हमें दुनिया
देखती है अनजानो की तरह |
क्या गलती की थी हमने
जो हमे ये सजा मिली
ज़िन्हे मिलनी थी वो आज भी
घुम रहे है अफगानो की तरह |
हमने भी तो सपने
देखे थे इंसानों की तरह
पर क्यूँ आज हमें दुनिया
देखती है अनजानो की तरह ||