STORYMIRROR

Kamala Belagur

Fantasy Inspirational

4  

Kamala Belagur

Fantasy Inspirational

हर जगह ढूंढ रहा हूँ। उन लम्हें की तलाश में।

हर जगह ढूंढ रहा हूँ। उन लम्हें की तलाश में।

1 min
300

मुझे हमेशा जीवन के

उस मधुर क्षण, 

और उन चेहरों की 

तलाश है,

जिन्हें मैंने बचपन में देखा था।

चन्द्रमा के प्रकाश में

खिलखिलाता बचपन,

वो मासूमियत ।।

दादी की कहानी में

वह सात चमेली राजकुमारी।।


मेरे आँगन के 

बरगद की छाया में

मेहनत से मिले फल का 

मीठा स्वाद की …

तलाश है मुझे 

किशोर लड़की की आँखों में

झाँका उस शर्मीला 

नज़र की..


कहाँ खोजें?..                

मुझे नहीं पता,                

अनजाने चेहरों के बीच           

बचपन में मैंने जिन                  

चेहरों को देखा वो मुझे     

 कहाँ मिलेंगे?..

 

कहाँ मिलेंगे वो

दीवारों के बीच

जीवित, हँसी का मुखौटा 

पहने हुए, असली चेहरा 

भूल जाने वालों के बीच...


उन लोगों के बीच              

जिन्होंने खुशहाल जीवन का     

पीछा करने में 

रात की नींद खो दी है..

जिंदगी के उन लम्हें की 

तलाश में है मन 

क्या उन क्षणों को पा सकता है

एक दिन ?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy