होमो सेपियंस से रोबो सेपियंस
होमो सेपियंस से रोबो सेपियंस
विकास की दौड़
सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते
बढ़ते विजय के पथ पर
बहुत कुछ पाया
संसाधन सुविधा और भौतिक भोग,
बस पाने की इस यात्रा में
कहीं पीछे
बहुत पीछे रह गए हैं
हमारे जीवन मूल्य।
प्रेम और भरोसा
सहयोग और सहकार
और खो गयीं हैं
चेहरे की मुस्कानें,
कुछ हैं
जिन्होंने नहीं
खोया है ये सब
वे हैं आज भी पिछड़े और जंगली
अर्ध पशु
उन्हीं में मैं भी हूँ।