हनुमान जयंती पर विशेष रचना
हनुमान जयंती पर विशेष रचना
हे! प्यारे राम भक्त हनुमान,
बनाते सबके बिगड़े काम।
बोलो राम राम राम,
रे बोलो राम राम राम।।
बाल समय रवि भक्ष लियो,
तब ॲंधकार था जग में छाया,
देवराज के वज्र - वार से,
वो दिनकर नभ पर फिर आया,
हो गई टेढ़ी ठुड्ढी कपि के-२
कहलाए हनुमान।। रे! बोलो राम राम राम
शंकर सुवन केसरी नन्दन,
पवनपुत्र तुम असुरनिकन्दन,
अर्जुन के तुम परम सखा हो,
तुम ही हो अंजना के नन्दन,
राम प्रिये रामेष्ट कहाते-२
फाल्गुन सखा हनुमान।। रे ! बोलो राम राम राम
लाई संजीवनी प्राण उबारे,
राम सिया के प्राण-पियारे,
सीताशोक विनाशन तुम ही,
दशग्रीव दर्पहा असुर संहारे,
अमित विक्रम हैं नाम तिहारो-२
तुम ही अतुलित बलधाम ।।रे! बोलो राम राम राम
लांघि सिंधु लंकापुर जारे,
उदधि क्रमण पड़े नाम तिहारे,
मारे असुर सिया सुधि लाए,
रावणसुत अक्षय को मारे,
हरिमर्कट कपि दीनबन्धवे- २
महाकाय हनुमान ।।रे! बोलो राम राम राम