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विवेक यशस्वी

Abstract

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विवेक यशस्वी

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हमें जीना है

हमें जीना है

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सीखते रहे माँ पिता से

क्या क्या करना है।

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


जीवन न छूटने पाए

सांस सांस जीते रहना

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


हमारी नसों में खून नहीं

जीवन की रवानी है।

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


वेद पढ़े आयुर्वेद गढ़े

जीवन जीने लायक किया

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


परंपरा रही हमारी वही

जिसे कोरोना का बचाव कहा

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


मेरी सुनो घर पर रहो

देश जान भी तुम्हारी है

क्या नया क्या पुराना

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।


करता हूं नमन

गुरु आपको

जिनसे हमने खुद को बनाया

है औकात मुझसे टकराये

कोरोना को हराना है।



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