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Avadhesh Kumar

Inspirational

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Avadhesh Kumar

Inspirational

हमारी शान है हिन्दी

हमारी शान है हिन्दी

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हमारी शान है हिंदी, हमारी जान है हिंदी

हमारे देश की यारो, सदा पहचान है हिंदी


जिसे दिनकर, रहीमा, सूर, ने सिर पर सदा रक्खा

वहीं तुलसी, कभी मीरा, कभी रसखान है हिंदी


हजारों नाम हैं जिन्होंने किया है होम जीवन को

हमें बच्चन, कबीरा, मैथिली, पर मान है हिंदी


नहीं तुम जानते हरिऔध को, अज्ञेय, कमलेश्वर

हजारी को न जाने जो वही नादान है हिंदी


निराला, शुक्ल हो या गुप्त, जयशंकर, अहो मुंशी

इन्होंने दी अलग तुम को सदा पहचान है, हिंदी


करें हम वीर का वंदन, करें हम वीर का चंदन

हमें ऐसे सितारों पर सदा अभिमान है हिन्दी


सदा इनकी बदौलत ही रहोगी देश में जिंदा

सभी कविगण तुम्हारी ही असल में जान है हिंदी


नहीं मुझमें अधिक क्षमता, करूँ क्या मातु मैं सेवा

लिखूं दो चार बस पुस्तक यही अरमान है हिंदी



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