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Vikas Yadav

Inspirational

0.5  

Vikas Yadav

Inspirational

हम उस देश के वासी है

हम उस देश के वासी है

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चीखें है संसद भवन में, कभी दिल्ली में शोर है

देश लूट भाग रहे, आज भी कितने चोर है

कभी गैरों ने लूटा, आज अपनों का दौर है

दर्द ये भी अपने सपूतों का, भारत माता सहती है

हम उस देश के वासी है, जिस देश में गंगा बहती है।

कभी माल्या, कभी जय शाह, तो कभी नीरव मोदी हुआ

बात किया जिसने सही मुद्दों पर, वो कट्टर देश विरोधी हुआ

देश की नींव का चौथा स्तम्भ, देखो आज कैसे गोदी हुआ

मसालेदार खबरे ही अब, हर न्यूज चैनल पे रहती है

हम उस देश के वासी है, जिस देश में गंगा बहती है।

हिन्दू -मुस्लिम, सिख-इसाई, हम सब है भाई-भाई

ये मोहब्बत की बातें अब, बस किताबों में रहती है

हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती हैं।

मेरे मंदीर के लिए, तेरे मस्जिद का ढांचा गिराया जायेगा

धर्म के नाम पर अधर्म अब, हर जगह फैलाया जाएगा

हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा है सबसे बड़ा, ये देश की जनता कहती है

हम उस देश के वासी है, जिस देश में गंगा बहती है।

सड़क किनारे गन्दगी है, नदी में नाले का पानी है

बलात्कार और आत्महत्या की, हर मोहल्ले में नई कहानी

डिजिटल इंडिया, कैशलेस भारत, ये बातें बस हवा में रहती है

अब फिर से मुझे आज़ादी दिला दो, ये भारत माता कहती है

हम उस देश के वासी है, जिस देश में गंगा बहती है।


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