हम सनातनी हैं
हम सनातनी हैं
हम सनातनी हैं वसुधैव कुटुंबकम् गा लेते हैं।
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो कह लेते हैं।
परोपकार की रीति है अपनी,
पाप कर्म से अपनी विकृति है ।
समभाव की प्रकृति है अपनी,
साहसी हैं तभी तो हर दुःख सह लेते हैं।
हम सनातनी हैं वसुधैव कुटुंबकम् गा लेते हैं।
इतिहास साक्षी है हमने
प्रहार पहला किया नहीं।
वार पहला किया ही नहीं।
योद्धा हैं तभी तो युद्ध धर्म पालन कर लेते हैं।
हम सनातनी हैं वसुधैव कुटुंबकम् गा लेते हैं।
सारी सृष्टि से मेरा नाता है अपना।
सभी अपने हैं गैर गलत है कहना।
इन बातों को सबको है समझना।
बिना भेदभाव किए ही सबको अपना लेते हैं।
हम सनातनी हैं वसुधैव कुटुंबकम् गा लेते हैं।