हम सब एक हैं
हम सब एक हैं
निज अहंकारो से ऊपर उठकर प्रेम गीत गाये हम,
वसुधैव कुटुंबकम् को अपनाकर एक सूत्र में बंध जाये हम।
गिरिजाघर, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे सब एक ईश्वर के धाम है,
मानवता का धर्म बडा है सभी धर्मों का यही पैगाम है ।
रंग है अनेक यहाँ, संस्कृति-भाषा- रहन सहन भिन्न है,
अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता देश में अभिन्न है ।
ये मेरी धरती, अम्बर है ये मेरा भीतर से न तोड़ो इसको,
ईश्वर हमारा पिता और धरती है माता हमारी जान लो इसको ।
स्नेह, ममता को करके कायम पृथ्वी को हम स्वर्ग बनाये,
वसुंधरा सारी कुटुंब है हमारी इस सोच को जन जन में फैलाये ।
