हम एक दूजे के साथ हैं
हम एक दूजे के साथ हैं


प्यार तो आज भी उतना ही है ना
तो क्या हुआ की हम एक दूजे के साथ नहीं है
इश्क हमारा सच्चा था
तो क्या हुआ की एक दूसरे पास नहीं है
पता है आज तुम्हारी शादी है
कोई और बनी है तुम्हारी दुलहन
पर खुशी है मैं हूँ तुम्हारे दिल में
माना मुझ पे वो सुहांगनो वाला लिबास नहीं है
तो क्या हुआ की हम एक दूजे के साथ नहीं है
वो सारे गेहनो से सजी हुई है
मगर उनमे तेरी वो पायल नहीं है
पत्नी वो तेरी बन ही जायेगी मगर
सर पे उसके तेरे प्यार का सरताज नहीं है
तो क्या हुआ की हम एक दूजे के साथ नहीं है
इश्क कभी अधुरा नहीं होता
वो तो होते ही पूरा होता है
किसी के कहने से कुछ नहीं होता
हमे इश्क था और रहेगा ही
हमारा प्यार किसी की रजामंदी का मोहताज नहीं है
तो क्या हुआ की हम एक दूजे के साथ नहीं है।।