STORYMIRROR

Shubham Veer Saxena

Romance

4  

Shubham Veer Saxena

Romance

हज़ारों में हो

हज़ारों में हो

1 min
407

बेच चुके ईमान जो अपना

तुम इश्क के बाज़ारों में हो


जो एक है सिर्फ तुम्हारे लिए

तुम उसके लिए हज़ारों में हो


जवाब है जो हर बात का तुम्हारी

तुम उसके सिर्फ सवालों में हो


पूरा नहीं है प्यार हां उसका

के तुम इश्क लिए मझधारों में हो


वक्त सौंप दिया पूरा जिसको

तुम उसके लिए कतारों में हो


जो एक है सिर्फ तुम्हारे लिए

तुम उसके लिए हज़ारों में हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance