हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
ये दुनिया
एक कहाँ है ?
सबका अपना
एक जहाँ है ।
किसी को मिली
चम्मच चांदी की,
किसी ने सिर्फ
यातना को
ही सहा है।
अक्सर यहाँ तो
विषमता का ही
राज रहा है,
किसी ने लूटा
कोई सिर्फ
लुटता रहा है।
कभी अंधेरों
ने की शिरकत
तो कभी यहां
उजालों का
आगाज रहा है।
चलाई हो चाहें
जिसने हुकूमत,
ये ऊपरवाला
हमेशा से बड़ा
कारसाज रहा है।
कितने आये
उफने फिर
सिमट गये,
ये हिंदुस्तान हमारा
अकेले ही सदा
जिंदाबाद रहा है।
