सही फल देता है वो ! जैसी हो करनी वैसा भर देता है वो ! सही फल देता है वो ! जैसी हो करनी वैसा भर देता है वो !
कभी अंधेरों ने की शिरकत तो कभी यहां उजालों का आगाज रहा है। कभी अंधेरों ने की शिरकत तो कभी यहां उजालों का आगाज रहा है।