हिंदी दिवस की उपयोगिता
हिंदी दिवस की उपयोगिता
हिंद देश की आशा है
सरल सहज सी भाषा है
हिंदी का सम्मान करो
यह हम सब की मातृभाषा है।
हिंदी दिवस की धूम है चहुंओर
सुनो- सुनो मच रहा है
हर जगह यह शोर
हिंदी हिंदी चिल्लाएंगे,
पखवाड़ा भी मनाएंगे
सोचो क्या केवल इसी तरह
हम हिंदी को बचा पाएंगे....?
निरंतरता लानी होगी,
गंभीरता लानी होगी
स-श का फ़र्क समझना होगा,
बिंदी का अर्थ समझना होगा
विद्या की प्रथम सीढी़ से
यह बात समझानी होगी...।
नौनिहालों को दे व्याकरण का ज्ञान
आत्म अवलोकन करना होगा
भाषा है वही अनमोल
दिल के उद्गारों को खोल
रखती जो सम्मुख औरों के
सरल सहज वाणी में बोल...।
भाव उमड़ते हैं जब मन में
अभिव्यक्ति की राह ढूंढते
मातृभाषा से बढ़कर कोई
उद्गारों की थाह न पाए...।
चिंतन और मनन भी सतत
मातृभाषा में ही गति पाए
कई कई भाषाओं को यह
यूं समेट लेती अंदर
जैसे नदियों का पानी स्वयं में
समाहित कर लेता समंदर...।
इतनी विशाल इतनी विस्तृत
इतनी समृद्ध,जायी संस्कृत
यह नहीं रोकती राह किसी की
नहीं तोड़ती आस किसी की...।
आजा़दी की राह यही है,
गहराई की थाह यही है
जीवन की आपाधापी में
हम भूल रहे हैं जड़ अपनी
सीखें भाषाएं लाख सही
पर आज समय की मांग यही
ना भूले अपने हिंदी को,
है रखने वाली बात यही।।