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Ajay Soni

Romance

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Ajay Soni

Romance

हे प्रिये....

हे प्रिये....

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तेरे आंखो के नूर ने, किया है रौशन

मेरी अंधेरी दुनिया को,

बस, मेरे जीते जी मत बंद करना

अपनी पलकों को,


बहोत जीया है अंधेरो के आशियानों में,

अब उजालों का आदी हो गया हूं

डर लगता है अंधेरों से,

मेरे साथ ही रहना ,थामे मेरी हथेलियों को

हर पल, हर क्षण,


तुम हो तो हर इक खुशी इठलाती है मेरे आंगन

तुम हो तो सोंधी सी लगती है ये यौवन

तुम्हारे बिना अकल्पनीय है ये जीवन

हे प्रिये, क्या करू तुम्हारे बिना

नहीं लगता है ये मन........


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