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Pallavi Goel

Inspirational

4.8  

Pallavi Goel

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हे हिंद वासियों ! कश्मीरी बंधुओं

हे हिंद वासियों ! कश्मीरी बंधुओं

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हे हिंद वासियों !कश्मीरी बंधुओं!

तुम भारत का सिरमौर हो

सत्तर वर्षों की कड़ी तपस्या

के तुम जीवित धैर्य हो।


सीमा पर होने के

तुमने असंख्य वार सहे हैं

अदृश्य रेखा के इस पार सही

हमने भी सब दुख देखे हैं।


अब जो मिटी है वह अदृश्य अभी

उसको दिल से भी हटा देना

हो बिछड़े हुए तुम बरसों के

तुम भी बाहें फैला देना


बोए हुए इस पराएपन ने

बहुत से त्रास रचे हैं

न पराए तुम हो, ना पराए हम

हाथ मिलाकर है चल

ना


जो तलवार उठेगी तुम पर

ढाल होगा यह गात भी

भ्राता, बंधु अरे सहोदर

दुख पर मरहम हाथ भी।


हाथ से हाथ मिला कर चलना

लिखना है इतिहास अभी।

जंग हुई तो साथ रहेंगे

अमन हुआ तो सुख भोगेंगे


ईद, दीवाली, स्वतंत्र, गणतंत्र

त्योहार साथ मनाएंगे

राष्ट्र मान तिरंगे तले

राष्ट्रगान सब गाएंगे


संविधान है एक हमारा

अधिकार हमारे समान है

भारत की हर अंतिम सीमा

पर हम सबका अधिकार है!!



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