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Tisha Agarwal

Abstract

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Tisha Agarwal

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हैप्पी टीचर्स डे

हैप्पी टीचर्स डे

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आसमान के सात रंगो जैसी आपकी मुस्कान है,
चांद की ठंडी रोशनी जैसा आपका मन है,
आप‌ सिर्फ‌ हमारे गुरु नहीं,
बल्कि हमारे मां-बाप, हमारी दोस्त भी हैं।

हम चाहे जितना आपसे छुपाने की कोशिश करें कि
आज हमारा मूड ऑफ है,
पर आप हमेशा ही हमें पकड़ लेते हैं।
हम चाहे जितनी भी शैतानी करके आपको परेशान क्यों ना करें,
पर फिर भी आप उसे हंसकर सह ही लेते हैं।

होमवर्क नहीं करने के चाहे हम हजार बहाने क्यों ना बनाएं,
फिर भी आप थोड़ा सा गुस्सा करके हमें और टाइम दे ही देते हैं।
आपसे हमारी आंखों में आशु नहीं देखे जाता,
इसलिए आपके हर प्रार्थना में हमारी खुशियों की भी मांग होती है।

आपकी हर मन्नत में हमारी सफलता
और कामयाबी की दुआ छुपी होती है।
हम जानते हैं कि आप जब भी हमें डांटते हैं
आपको अच्छा नहीं लगता,

पर हम यह भी जानते हैं कि आपकी हर डांट में
हमारे लिए भलाई छुपी रहती है।
पहले हमें क ख ग घ लिखना नहीं आता था
पर आज कविताएं लिख बैठते हैं हम।

पेंसिल रबर‌ से यह सफर कब पेन पर
चला आया हमें मालूम ही नहीं चला,
क ख ग घ लिखते लिखते कब यह सफर गद्यांश
पद्यांश पर आ गया हमें मालूम ही नहीं चला।

वैसे तो हर दिन टीचर्स डे होता है पर
आज का दिन कुछ खास ही होता है,
हर दिन हम आपको शुक्रिया बोल सकते हैं पर
आज के दिन हम अपनी भावनाओं को प्रकट कर सकते हैं।

वैसे तो कई महीनों से इस वायरस के चलते हम घर पर बंद है,
पर इस वायरस को क्या मालूम कि
हमने इसका भी तोड़ निकाल लिया है।
मुझे आज भी वह दिन अच्छे से याद है,
जब हम असेंबली के लिए खड़े होते थे
और धूप की किरणे बड़ी तेज होती थी,

तब आप हमें छांव में खड़ा कर खुद उस धूप में खड़े हो जाते थे
और फिर भी बस एक ही दुआ मांगते थे
हमारी खुशियां, हमारी कामयाबी, हमारी सफलता।
चाहे हम आपका जितना भी शुक्रिया अदा
क्यों ना करें पर फिर भी आपके 11 साल 8 महीनों कि
कड़ी मेहनत हम लोगों पर कभी भी यह शुक्रिया
शब्द पूरा नहीं कर पाएगी और सिर्फ 11 साल 8 महीने ही
क्यों आप तो कितने सालों से हम लोगों पर मेहनत करते हैं।
12 साल तक जिन बेटे-बेटियों के साथ आप रहते हैं
उन बेटे-बेटियों को 12 साल खत्म होने पर बाहर की दुनिया
देखने के लिए भी प्रेरणा देते हैं।

मैंने देखा है जब क्लास १२ की‌ दादा-दीदीया
परीक्षा पास करके स्कूल छोड़कर कॉलेज जाते हैं,
उनके मन में डर जरूर होता है पर उनसे कई ज्यादा
डर आप‌ लोगों के मन में होता है।

फेयरवेल के दिन उनकी आंखें जरूर नम होती है
पर कहीं ना कहीं आपके भी आंखें नम होती हैं
पर फिर भी आप उन्हें हौसला देते हैं और
जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणाएं देते हैं।

शुक्रिया मम्मी‌-पापा (टीचर्स) हमेशा
हम सब का ख्याल रखने के लिए,
हम सबके लिए दुआ मांगने के लिए।
शुक्रिया मम्मी- पापा (टीचर्स) हर वो
चीज के लिए जो आप हमारे लिए करते हैं


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