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Ashutosh Tiwari

Inspirational

4.0  

Ashutosh Tiwari

Inspirational

गुरु

गुरु

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347


हरे सब क्लेश मन के प्रभु चरणवंदन तुम्हारा है..!

तुम्ही से काष्ठ सा जीवन बना चंदन हमारा है..!

जगत में चाँद बन चमके उन्हें जो दीप्त करता है..

वही श्रद्धेय हे रवि! आज अभिनन्दन तुम्हारा है..!!


तुम्हीं से खो सका 'तम' को तुम्ही से ज्ञान पाया है..

है मेरा कण्ठ लेकिन अब तुम्हारा शब्द गाया है..!

भरी ऊर्जा यूँ तुमने, बोलने में कांति आयी है..

मिटाकर भावना 'मैं' प्रेम की भाषा सिखाई है..!

उसी उपदेश से जीवन हुआ मधुवन हमारा है..!!


मेरे हर शब्द में गुरु का वचन संवाद करता है..!

जलाता ज्योति मन को जेय कर उत्साह भरता है..!

बने पारस कि हम से लौह सोने में गढ़े तुमने..

कई लवकुश कबीरा सुर तुलसी तक गढ़े तुमने..

है स्वागत ज्ञान वर्षा के लिए सावन तुम्हारा है..!!"




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