गुरु वंदना ( प्रार्थना )
गुरु वंदना ( प्रार्थना )
माना जाता है ऐसा शास्त्रों के अनुसार
अधर्म को मिटाने लेते ईश्वर अवतार
राम कृष्ण जैसे कई है इसके उदाहरण
लेकिन उन्होंने भी ली थी गुरु की शरण
अभय, शांति, क्षमा एवं करूणामय आचरण
ज्ञान के महासागर भी पखारते उनके चरण
देखा है संसार ने नित नित बारबार
अज्ञानी, दुखियों को उभाराने होता सद्गुरु का अवतार
धन्य भारत भूमि जिसमें संतों का अवतरण
त्याग, सेवा, सदाचार है जिनका आभूषण
स्वयं कष्टों को झेलकर करते दूसरों का रक्षण
दुष्टों को सुधारकर करते नित प्रभु स्मरण
अनेक जन्मों के सुकृतों का है यह उपहार
सद्गुरु ही करते अपने शिष्यों का उद्धार
कबीर, साईं, तुलसी, रंग अवधूत
(विश्वनाथ अवधूत ), बापू नारायण
प्रेम, ऐक्य और सदाचार का देते वह शिक्षण
समाज के पथ दर्शक करते नित धर्म जागरण
ऐसे पुनित चरणों से पावन इस धरती का कण - कण
प्रार्थना सद्गुरु से हमारी यह बारंबार
दर्शन देकर कीजिए गुरु हमारा भी बेड़ा पार !