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Vivek Gulati

Abstract

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Vivek Gulati

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गुलामी

गुलामी

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पहले फौजों के डर से करी,

फिर डॉलर और तेल की करी।

गुलाम हो गए सब टेक्नोलॉजी के,

राजा बन गए सब अपनी दुनिया के।


पहाड़े पहले जबानी याद रखता था बच्चा,

अब कैल्क्युलेटर ने हिसाब कर दिया कच्चा।

पहले टेलीफोन के नंबर मिलते सिर्फ उंगली घुमाए,

अब दुनिया से कट जाते हैं गर मोबाइल गुम जाए।


गूगल बाबा का आशीर्वाद अब मंज़िल तक पहुंचाए,

टेक्नोलॉजी ने तो हमें, रास्ते भी भुलाए।

पास रह कर भी दूर कर दिया,

टेक्नोलॉजी ने तो दिमाग कमज़ोर कर दिया।


गुलामी करनी ही है तो बीवी की करो,

सुख शांति से रहो और ऐश करो।


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