गर मैं, मैं न होता ?
गर मैं, मैं न होता ?
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई पुष्प होता
प्रभु चरणों पर समर्पित होता।
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई पक्षी होता
नील गगन में उड़ता रहता।
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई नदी होता
कितनों की प्यास बुझाता।
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई पत्थर होता
किसी भवन की शोभा होता।
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई सीप होता
मोती सा चमकता होता।
गर मैं, मैं न होता ?
कहीं कोई सितारा होता
आकाश में चमकता होता।
गर मैं, मैं न होता ?