गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
हम सब की है शान तिरंगा
हर घर इसे सजाएँगे
देशभक्ति के जज़्बात ओढ़कर
दिल से इसे फहरायेंगे।।
नेता जी कभी भगत सिंह के
बलिदान को याद दिलाएंगे
बापू- नेहरू, तिलक-शास्त्री के
जा चरणों में शीश झुकाएंगे।।
किसानों की पहचान तिरंगा
वीरता का बीज उगाएँगे
सैन्य शक्ति की आन बान शान जो
सब इस पर जान लुटाएंगे,
हर घर सब फहरायेंगे।।
स्वतंत्रता कभी गणतंत्र दिवस
हिंदुस्तान की शान दिखायेंगे
बनने विश्व गुरु की राह पर भारत
सारी दुनियां को ये बताएंगे।।
देश की शक्ति, साहस तिरंगा
शांति, सत्य संग ज्ञान की गंगा बहाएँगे
हर ओर हरियाली लाकर
देश में सुख-समृद्धि को खूब बढ़ाएँगे,
हर घर सब फहरायेंगे।।
धर्म चक्र जो विधि चक्र है
गतिशीलता जीवन में लाएंगे
विकास का मार्ग अपना के बंधु
सदा इसको शीश झुकाएँगे हर घर सब फहरायेंगे।।
शांत सिंह अब दहाड़ उठेगा
दुश्मन को धूल चटाएँगे
दर किनार कर हर एक निराशा
आशा का दीप जलाएंगे, हर घर सब फहरायेंगे।।
सर्वस्व कर कुर्बान इस पर
मिलकर जश्न मनाएंगे
हार-जीत का फिक्र कोई न
न्यौछावर इस पर हो जाएंगे, हर घर सब फहरायेंगे।।