घट घट माता
घट घट माता
माँ घट घट वासी, घट घट में माँ का रूप,
जय अम्बे जय जय जगदम्बे के चरणों में संसार !!
तू माँ शारदेय जग कल्याणी तेरा ही सहारा,
विघ्न विनासनि तेरे लाखों नाम माँ मैहर वाली भक्तों का करती बेड़ा पार !!
आठ भुजाये अष्टभुजी माँ अष्टसिद्धि दायनी,
माँ देवी दुर्गा तू विध्य वासिनी विंध्याचल भी तेरा धाम।।
माँ भय भव भंजक,
जग पाए अपनी मुराद तेरे द्वार !!
माँ घट घट वासी, घट घट में तेरा रूप,
जय अम्बे जय जयजगदम्बे तेरे चरणों में संसार।।
मनोकामना की मनसा माँ, चंड मुण्ड का मरदन करती माया महिमा चंडिका चंडी देवी,
देव भूमि की मातारानी जग तेरी शरण का सत्कार !!
माँ घट घट वासी, घट घट में तेरा रूप,
जय अम्बे जय जय जगदम्बे तेरे चरणों में संसार .!!
काली घाट कलकत्ते वाली, परम हंस की गंगा तठ की,
दक्षिण काली दुष्ट दलन की दुर्गा काली भक्त तेरा संसार ।।
माँ रक्षक रखवाली जय जग जननी जगदम्बे जय माँ काली,
रिद्धि रिद्धि दायनी, आराधन आवाहन की देवी माँ कामख्या तू हर चाहत की राह माँ का दरबार माँ कामाख्या भरती सबकी झोली ।।
लौटा कोई न खाली, कामरूप कामाख्या पूर्वोत्तर माँ की करूँण कृपा का वास निवास,
माँ घट घट वासी, घट घट में माँ का रूप,
जय अम्बे जय जय जगदम्बे तेरे चरणों में संसार .!!
माँ जलती ज्वाला, अंगार माँ कि ज्योति ज्वाला ज्वाला, देवी हिमांचल तेरा प्रभा प्रवास,
माँ के नैनो में ममता और दुलार, माँ नैना देवी माँ तेरी महिमा अपरम्पार !!