गहरी गुफ़ा
गहरी गुफ़ा


इस गहरी गुफ़ा से गुज़रना है
ज़िंदगी नाम है इसका
हौसलों से नहीं मुकरना है
साथ मिलेगा किसका
जाने न कोई- बस तरना है
और तरना ध्येय जिसका
उसे नहीं आपदा से डरना है
जीत उसकी समर्पण जिसका
मन की आंखें राह दिखाएंगी
हो घुप्प,गहनअंधेरा कोई ग़म नहीं
समर्पण अपना रंग दिखाएगी
जहां हो आत्मविश्वास वहां तम नहीं
कदम कदम पर तुझे संभालेगी
वह शक्ति अदृश्य जिसका सम नहीं
आंधियां कभी न बुझाएंगी
हौसलों के दिए-कर आखें नम नहीं।