धूप बारिश से मिलकर गर रचाती साज़िशें तो आँधियों को बुलाने में ही अक्लमंदी है धूप बारिश से मिलकर गर रचाती साज़िशें तो आँधियों को बुलाने में ही अक्लमंदी है
तूफ़ान जब आते हैं , सिर्फ तबाही मचाते हैं. तूफ़ान जब आते हैं , सिर्फ तबाही मचाते हैं.
हर सुख-दुख को सहना उससे मैंने सीख लिया था, हर सुख-दुख को सहना उससे मैंने सीख लिया था,
उल्फ़ते मोहब्बत में उसकी हम पतंगों की तरह जल जाएंगे। उल्फ़ते मोहब्बत में उसकी हम पतंगों की तरह जल जाएंगे।
कभी जो दो पल दूर भी तुम रहे भरते रहे मुझमें संबल। कभी जो दो पल दूर भी तुम रहे भरते रहे मुझमें संबल।
अपनी बगिया में फूलों को सजाया था हमने, पर सबको कांटे ही कांटे नजर आए कहाँ से , अपनी बगिया में फूलों को सजाया था हमने, पर सबको कांटे ही कांटे नजर आए कहाँ से...