घनघोर अंधेरा छाया है
घनघोर अंधेरा छाया है
घनघोर अंधेरा छाया है,
यह तो संदेशा लाया है।
अब वर्षा के इन बूंदों से,
प्रकृति व मानव तृप्त हो जायेगा।
जिसको तरसा करता था मन,
आज आई है वें बूंदे ।
इन वर्षा के बूंदों से तो,
प्रकृति हैं, मनोहरम हमारा।
घन घोर अंधेरा छाया हैं,
यह तो संदेशा लाया है।
अब हरियाली आयेगी,
जीवन को स्वच्छ और शुद्ध बनाएगी।
इस दृश्य को ही देख के,
मानव में जिज्ञासा जागी है।
अब करना हैं हमें संरक्षित,
अपना यें पर्यावरण ।
जिससे मानव को मिला जीवन,
आज वही हैं कष्ट में।
हमने इसे कर दिया है दूषित,
आओ इसे करे संरक्षित।
