वर्षा की बूंदें
वर्षा की बूंदें
वर्षा देखो कितनी प्यारी
हरियाली है लाती।
हरा-भरा हो देश हमारा
यही स्वपन दिखाती।
किसानों के घरों में खुशियां
देश में खुशहाली लाती।
देती है जीवो को राहत
देती मानव जाती को।
फिर क्यों न तरसे ये मन
वर्षा की इन बुदों को।
बगिया जिससे महकती हैं,
मुस्कुराते हैं फुले।
चहकते है चिड़िया उपवन में
देखिए मधुर गीत सुनाती।
क्यों ना तरसे ये मन
वर्षा की बूंदों को।
देखो नाच रहा है मोर
इन वर्षा कि बूंदों में।
खुशी का हुआ आगमन
इन वर्षा की बूंदों से।
वर्षा देखो कितनी प्यारी
हरियाली है लाती।
हरा-भरा हो देश हमारा
यही स्वप्न दिखाती है।