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Vikash raj yadav

Inspirational

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Vikash raj yadav

Inspirational

घमंडी साहब

घमंडी साहब

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जरा कह दो जा कर इन गरीब लोगों से 

जो करोड़ों –अरबों का कारोबार करते है


हमारी अमीरी इस दिलों से नापी जाती है

वो पैसों से रिश्तों को भी शर्मसार करते है


हमारी बराबरी करना उनकी औकात नहीं

हम फकीर है एक मानव से प्यार करते है


अगर गुनाह है किसी से हँस कर बोलना

तो ऐसे गुनाह हम दिन में हजार करते है


उन लोगों ने रंग ही बदला है, फितरत नहीं

मिजाज देखिए घर बुलाकर वार करते है


आंगन में आया शख्स, दुश्मन क्यों न हो 

मेहमान पर भगवान जैसा एतबार करते है


 


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