ग़ज़ल
ग़ज़ल
दिल हमारा आपके काबिल नहीं
हम ही या फिर आपकी मंज़िल नहीं
काम पडने पर बुलाते हो फकत
है पता हम इतने भी जाहिल नहीं
फैसला लेना है दिल से एक बार
लौट आना इतना भी मुश्किल नहीं
आपके घर नामची सब थे मगर
दोस्तों मे इक हमीं शामिल नहीं?
जाम जब नैनों के राजन पी गया
हो सका कैसे भला गाफिल नहीं।
गाफिल = बेसुध, अचेत,