"गाँव हमारा"
"गाँव हमारा"
चलते चलते पथ भी हारा।
अभी दूर है गाँव हमारा।
जख्म उभर आए हैं दिल तक।
अब पैरों ने किया किनारा।
बस पानी से वक्त गुजारा।
खाने का भी कहाँ सहारा।
अभी दूर है गाँव हमारा।
धूल पूछती क्या पथ भटका।
पीठ पे तेरे झोला लटका।
एक रुआसी लिए बेचारा।
क्या कह सकता दर्द का मारा।
अभी दूर है गाँव हमारा।
घर पर सब को इंतजार है।
नन्हे होठों की पुकार है।
घर आ माँ का राज दुराला।
मां के दिल ने बहुत पुकारा।
अभी दूर है गाँव हमारा।
चलते चलते पथ भी हारा।
अभी दूर है गाँव हमारा।