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Anuj Singh

Abstract

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Anuj Singh

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एक प्यारी सी लड़की

एक प्यारी सी लड़की

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एक प्यारी सी लड़की,

चली दुनिया को जीने


थोड़ी सी वो गुमशुम,

थोड़ी सी वो नादान।

फिर आंखों में लिए उम्मीद,

छूने चली वो आसमान।


कभी हाथो की लकीरें तांके,

कभी पुरानी यादों में झाकें।

फिर नई उमंगों के साथ,

जैसे कोई चिड़िया उड़ भागे।


एक प्यारी सी लड़की

चली दुनिया को जीने

रहती तो है वो सबके साथ,

पर खुद में क्यों अकेली है।

बस यही है दुनिया की रीत

सबको वो ये कहती है।


कभी ढूंढे खुद को दुखो में,

कभी खुशियों में खो जाती है।

फिर अपनी सी ही धुन में,

कुछ उलझी सी नज़र आती है।


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