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Sheerali Arya

Inspirational Tragedy

5.0  

Sheerali Arya

Inspirational Tragedy

एक नया जन्म

एक नया जन्म

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जिंदगी आ पहुँची है उस मोड़ पर,

ना जी सकते हैं ना ही मर सकते।

अब तो कोई रास्ता निकल जाए,

कुछ दिन हम भी काट लेते हँस के।


आज आईना फिर पूछता है यह हम से,

तेरी निगाहों में नमी क्यों है।

क्यों मुस्कुराना भूल गए हो तुम,

तेरे जीवन में यह कमी क्यों है।


सब उलझनें सुलझ जाती,

जो यह दिल होता पत्थर का।

कोई भी गम

आए या कोई खुशी,

कुछ भी इसे एहसास न होता।


अब वक्त आ गया है

हवाओं का रुख बदलने का,

एक नया फैसला और सोच बदलने का।

अपनी हकीकत को दूर कहीं दफनाने का,

अपने आँसुओं को हमेशा के लिए सुखाने का।


नहीं लगता है डर रात के अंधेरों से,

ना खामोशी से ना किसी सन्नाटे से।

दर्द को बना लिया है आदत हमने,

साये को बना लिया है सच्चा दोस्त हमने।।


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