एक लड़की
एक लड़की
आज मैंने देखी एक लड़की,
नटखट सी शैतान सी
फिर भी दाेस्ताें की जान
सी एक लड़की।
हर पल हँसती, हर पल हँसाती
जिंदगी काे एक नया आआना दिखाती,
खुशी के पलाें काे समेटती
और सबमें है लुटाती, एक लडकी।
करे शैतानियाँ हर पल,
दोस्ताें का नाम है फँंसाती
मगर वही पागल
दाोस्तों पे जान है लुटती।
भले ही करे वो शैतानियाँ
मगर बुरी नही है वाे दिल की,
कुछ जादा ही नटखट है
बस वाे कृष्ण की बासुरी सी।
दिल है मगर साफ उसका
जैसे गंगा का बहता पानी,
मेरे शब्द भी नहीे कह सकते
उसकी खूबसूरती की कहानी।
आज मैंने देखी एक लड़की
सुंदर सी परी सी एक लड़की।

